
परिचय -सरफ़ेस गेज से 1/2 मि.मी. की सूक्ष्मता में मार्किंग की जाती है ।परंतु कुछ जॉब ऐसे होते है जिनको इससे अधिक सूक्ष्मता में मार्किंग करने की आवश्यकता होती है तो एक ऐसे उपकरण का प्रयोग किया जाता है जिसे वर्नियर हाइट गेज कहते है ।इससे .02 मि.मी. की सूक्ष्मता में मार्किंग की जा सकती है ।प्रायः 300 मि.मी. साइज वाला वर्नियर हाइट गेज अधिकतर प्रयोग में लाया जाता है ।
सिद्धांत -वार्नियर हाइट गेज दो अनुरूप स्केलो के अल्पतमांक के अंतर के आधार पर बनाया गया है जिसमे एक मेन स्केल होता है और दूसरा वर्नियर स्केल ।
बनावट -इसकी बनावट में प्रायः निम्नलिखित पार्ट्स होते हैं ।
1.बेस
2.बीम या मेन स्केल
3.वर्नियर स्केल
4.स्लाइडिंग जॉ
5.लॉकिंग स्कूस्
6.फाइन adjast
अल्पतमांक -वर्नियर हाइट गेज का अल्पतमांक वैसे ही निकालते हैं जैसा कि वार्नियर कैलिपर का निकालते है ।इसके अतिरिक्त इसका अल्पतमांक निम्नलिखित विधि से भी निकाला जा सकता है
अल्पतमांक =वर्नियर स्केल के खानों की संख्या – मेन स्केल के खानों की संख्या /वर्नियर स्केल के खानों की संख्या *मेन स्केल के एक खाने का मान
उदाहरण -यदि मेन सकेल के 1 खाने का मान 1 मि.मी. है और मेन स्केल के 49 भागो को 50 बराबर भागो में बांट कर वर्नियर सकेल बनाया गया है तो –
अल्पतमांक =50-49/50*1
=1/50=.02 मि.मी.
उदाहरण -यदि मेन स्केल के 1 खाने का मान 1/20 है और मेन स्केल के 49 भागो को 50 बराबर भागो में बांट कर वर्नियर स्केल बनाया गया है तो-
अल्पतमांक =50-49/50*1/20
=1/50*1/20=1/000 “या 001”
रीडिंग-वर्नियर हाइट गेज से रीडिंग लेने का वैसा ही तरीका अपनाया जाता है जैसा कि वर्नियर कैलिपर की रीडिंग लेते समय अपनाया जाता है।
प्रकार
1.फ़िक्सड वर्नियर हाइट गेज -इस प्रकार के वार्नियर हाइट गेज में बेस इसके बीम के साथ फिक्स रहता है ।इसके बीम के पीछे पूरी लंबाई तक एक रैंक लगा होता है और स्लाइडिंग एसेम्बली में एक पीनियन फिट रहता है।इनकी सहायता से स्लाइडिंग एसेम्बली को बीम के ऊपर या नीचे समायोजित किया जा सकता है ।
2.एडजस्टेबल वर्नियर हाइट गेज -इस प्रकार के वर्नियर हाइट गेज का बेस अलग रहता है ।आवश्यकता के अनुसार स्क्रू की सहायता से बीम के साथ इसे जोड़ कर मार्किंग करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है
जीरो सेटिंग -वर्नियर हाइट गेज को प्रयोग करने से पहले निम्नलिखित के अनुसार उसकी जीरो सेटिंग को चैक किया जा सकता है-
1.आफसेट स्क्राइबर के प्रयोग करने की स्थिति में,वर्नियर हाइट गेज कि जीरो सेटिंग डेटम सरफ़ेस से की जाती है। जीरो सेटिंग को चैक करने के लिए,हाइट गेज को सरफ़ेस प्लेट पर रखें और ऑफ़सेट स्क्राइबर नीचे की सरफ़ेस को सरफ़ेस प्लेट के साथ संपर्क में लाए ।यदि बीम के मेन स्केल का जीरो वर्नियर स्केल के जीरो के साथ मिलान करता है तो जीरो सेटिंग सही है ।
2. स्ट्रेट स्क्राइबर की स्थिति में, जीरो सेटिंग को एक प्रिसीजन राउंड ब्लॉक जो कि वर्नियर हाइट गेज के साथ उपलब्ध होता है, का प्रयोग करके चैक किया जा सकता है।
मार्किंग करने की विधि -वर्नियर हाइट गेज से मार्किंग करते समय निम्नलिखित क्रम को अपनाना चाहिए-
- वर्नियर हाइड गेज ,सरफ़ेस प्लेट , ऐंगल प्लेट आदि को अच्छी तरह से साफ़ कर लेना चाहिए ।
- माकिंग आरंभ करने से पहले वर्नियर हाइड गेज की शून्य त्रुटि अवश्य चैक कर लेनी चाहिए।
- जॉब की बर्र वगैरा साफ करके उस पर मार्किंग मीडिया लगा देना चाहिए ।
- जॉब को सरफ़ेस प्लेट पर सेट करने के लिए ऐंगल प्लेट या वी ब्लॉक का सहारा देना चाहिए ।
- ड्राइंग के अनुसार दी हुई साइज़ को वर्नियर हाइट गेज पर खोल लेना चाहिए।
- हाइड गेज को थोड़ा सा तिरछा करके जॉब पर लाइन लगा देनी चाहिए।
- इसी तरह से दूसरे साइज़ खोलकर ड्राइंग के अनुसार पूरे जॉब की मार्किंग कर लेनी चाहिए।
- की हुई मार्किंग को डाट पंच से पंच करके पक्का कर लेनी चाहिए।
- मार्किंग करने के बाद वर्नियर हाइट गेज ,सरफ़ेस प्लेट और ऐंगल प्लेट वगैरा को साफ़ कर देना चाहिए ।
- सावधानियां
- मार्किंग प्रारंभ करने से पहले वर्नियर हाइट गेज की शून्य त्रुटि अवश्य चैक कर लेनी चाहिए।
- वर्नियर हाइट गेज के स्क्राइबर के प्वाइंट की धार तेज होनी चाहिए।
- मार्किन करते समय जॉब को ऐंगल प्लेट या वी ब्लॉक से सहारा देना चाहिए।
- वार्नियर हाइट गेज को कटिंग टूल्स के साथ मिलाकर नहीं रखना चाहिए।
- आवश्यकता हो तो रीडिंग लेते समय मैग्नीफाइंग ग्लास का प्रयोग करना चाहिए।
- कार्य करने के बाद वर्नियर हाइट गेज को अच्छी तरह से साफ़ करके रखना चाहिए।