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डायल टेस्ट इंडिकेटर के भाग और उनके कार्य

डायल टेस्ट इंडिकेटर के भाग और उनके कार्य

डायल टेस्ट इंडिकेटर (Dial Test Indicator) एक प्रिसीजन मापन उपकरण है, जिसका उपयोग मशीनिंग, इंजीनियरिंग और गुणवत्ता नियंत्रण कार्यों में किया जाता है। यह उपकरण छोटे आयामों और विचलनों को मापने के लिए उपयोगी है। इस लेख में हम डायल टेस्ट इंडिकेटर के विभिन्न भागों और उनके कार्यों के बारे में जानेंगे।

1. डायल (Dial)

डायल टेस्ट इंडिकेटर का मुख्य भाग होता है, जिस पर मापन मान (रीडिंग) प्रदर्शित होते हैं। डायल पर अंकित स्केल उपयोगकर्ता को सटीक मापन करने में मदद करता है।

2. पॉइंटर (Pointer)

पॉइंटर डायल पर चलता है और मापन मान को इंगित करता है। यह उपकरण की सुई होती है, जो मापन के दौरान डायल पर घूमती है।

3. रिंग (Ring)

रिंग डायल टेस्ट इंडिकेटर के बाहरी हिस्से को सुरक्षित रखने और उपकरण को स्थिरता प्रदान करने में मदद करती है।

4. विंडो (Window)

विंडो डायल को कवर करती है और इसे धूल, गंदगी और अन्य बाहरी तत्वों से बचाती है। यह उपकरण की सुरक्षा और दीर्घायु सुनिश्चित करती है।

5. सील (Seal)

सील उपकरण के अंदरूनी भागों को सुरक्षित रखती है और धूल, नमी और अन्य बाहरी तत्वों से बचाती है। यह उपकरण की दक्षता और सटीकता को बनाए रखती है।

6. सॉकेट (Socket)

सॉकेट उपकरण को मैग्नेटिक स्टैंड या अन्य होल्डिंग डिवाइस से जोड़ने में मदद करता है। यह उपकरण को स्थिर और सुरक्षित रखता है।

7. केस (Case)

केस उपकरण के सभी आंतरिक भागों को सुरक्षित रखता है। यह उपकरण को यांत्रिक क्षति और बाहरी तत्वों से बचाता है।

8. ब्लो-आउट बैक (Blow-Out Back)

ब्लो-आउट बैक उपकरण के पीछे का हिस्सा होता है, जो अत्यधिक दबाव या तनाव के मामले में सुरक्षा प्रदान करता है।

9. डायाफ्राम (Diaphragm)

डायाफ्राम उपकरण के अंदर दबाव को नियंत्रित करता है और मापन प्रक्रिया में सटीकता सुनिश्चित करता है।

10. बोर्डन ट्यूब (Bourdon Tube)

बोर्डन ट्यूब एक महत्वपूर्ण भाग है, जो दबाव के कारण होने वाले विस्तार और संकुचन को मापता है। यह उपकरण की सटीकता को बढ़ाता है।

11. मूवमेंट (Movement)

मूवमेंट उपकरण के अंदर का यांत्रिक तंत्र होता है, जो पॉइंटर को घुमाता है और मापन मान को प्रदर्शित करता है।

12. सॉलिड केस फ्रंट (Solid Case Front)

सॉलिड केस फ्रंट उपकरण के सामने का हिस्सा होता है, जो डायल और पॉइंटर को सुरक्षित रखता है। यह उपकरण की मजबूती और स्थिरता को बढ़ाता है।

निष्कर्ष

डायल टेस्ट इंडिकेटर के विभिन्न भाग उसकी कार्यक्षमता और सटीकता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन भागों की उचित देखभाल और रखरखाव से उपकरण की दीर्घायु और दक्षता सुनिश्चित की जा सकती है। यदि आपको और जानकारी चाहिए, तो बताएं! 😊

डायल टेस्ट इंडिकेटर: कार्य विधि, जाँच तकनीक और सावधानियाँ

डायल टेस्ट इंडिकेटर: कार्य विधि, जाँच तकनीक और सावधानियाँ (Dial Test Indicator in Hindi)

डायल टेस्ट इंडिकेटर (Dial Test Indicator) एक अत्यंत महत्वपूर्ण माप उपकरण है, जिसका उपयोग मशीनिंग, निर्माण और गुणवत्ता नियंत्रण प्रक्रियाओं में सूक्ष्म त्रुटियों (Minor Errors) को मापने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग किसी सतह की समतलता, समांतरता, सीधाई और गोलाई की जांच के लिए किया जाता है। इस लेख में हम डायल टेस्ट इंडिकेटर की कार्य विधि, जाँच तकनीक और सावधानियों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।

डायल टेस्ट इंडिकेटर क्या है?

डायल टेस्ट इंडिकेटर (DTI) एक प्रिसीजन माप उपकरण है, जिसमें एक डायल, नीडल और संवेदनशील टिप होती है। जब टिप किसी सतह के संपर्क में आती है और सतह की स्थिति में परिवर्तन होता है, तो नीडल घुमती है और डायल पर रीडिंग देती है। यह मापी गई सतह की सूक्ष्म ऊँचाई या नीचाई का सटीक संकेत देती है।

डायल टेस्ट इंडिकेटर के प्रमुख भाग (Parts of Dial Test Indicator)

  • डायल (Dial) – जिस पर माप की इकाइयाँ (Division) अंकित होती हैं।
  • नीडल (Needle) – यह डायल पर घूमती है और माप दिखाती है।
  • सेंसिटिव टिप (Sensitive Tip) – सतह को स्पर्श करने वाला भाग।
  • स्टेम (Stem) – इंडिकेटर को होल्ड करने का भाग।
  • क्लैंप और होल्डर – इंडिकेटर को मशीन या स्टैंड पर लगाने के लिए।

डायल टेस्ट इंडिकेटर का उपयोग कैसे करें? (Checking Technique)

  1. सतह पर उपकरण को सेट करना

    सबसे पहले, डायल टेस्ट इंडिकेटर को सर्फेस प्लेट या किसी सपाट सतह पर रखें। इंडिकेटर को स्टैंड या मैग्नेटिक बेस के साथ मजबूती से क्लैंप करें।

  2. इंडिकेटर टिप को संपर्क में लाना

    इंडिकेटर की टिप को उस वर्कपीस (Workpiece) की सतह से टच कराएं जिसे मापना है। यह सुनिश्चित करें कि टिप के संपर्क में आने पर डायल नीडल मूव कर रही है।

  3. वर्कपीस को मूव करना

    वर्कपीस को धीरे-धीरे आगे-पीछे (जैसा चित्र में दिखाया गया है) हिलाएँ और डायल की रीडिंग देखें। देखें कि नीडल कितनी डिफलेक्ट हो रही है। इससे पता चलेगा कि सतह कितनी समतल है।

  4. फ्लैटनेस और काउंटर पोजीशन चेक करना

    वर्कपीस की अलग-अलग पोजीशन में रीडिंग नोट करें। किसी विशेष रीडिंग के आधार पर वर्कपीस की समांतरता या गोलाई में कमी है या नहीं, इसका विश्लेषण करें।

  5. फाइनल रीडिंग

    किसी भी प्रकार के माइनर डिफरेंस के लिए डायल की अंतिम रीडिंग को ध्यान से देखें।

डायल टेस्ट इंडिकेटर का उपयोग करते समय सावधानियाँ (Precautions)

  • अन्य कटिंग टूल्स के साथ न रखें – डायल टेस्ट इंडिकेटर को कटिंग टूल्स के साथ मिलाकर नहीं रखना चाहिए। इससे इसका नुकसान हो सकता है।
  • झटके के साथ प्रयोग न करें – डिवाइस को गिराने या झटका देने से इसकी सटीकता में फर्क आ सकता है।
  • गंदी सतह पर न रखें – इंडिकेटर को हमेशा साफ सतह पर रखें ताकि टिप और डायल पर धूल या ग्रीस न लगे।
  • प्रयोग के बाद अच्छे से साफ करें – कार्य पूरा होने के बाद इंडिकेटर को अच्छी तरह से साफ करें और इसे बॉक्स में सुरक्षित रखें।

डायल टेस्ट इंडिकेटर के उपयोग के फायदे (Benefits of Using Dial Test Indicator)

  • उच्च सटीकता (High Accuracy) – यह उपकरण माइक्रो-लेवल पर त्रुटियों को पकड़ने में सक्षम है।
  • साफ और आसान रीडिंग – डायल के माध्यम से आसानी से रीडिंग ली जा सकती है।
  • मशीनिंग में आवश्यक – किसी भी मशीनिंग प्रोसेस में वर्कपीस की गुणवत्ता जाँचने के लिए अत्यावश्यक उपकरण।

डायल टेस्ट इंडिकेटर (Dial Test Indicator – DTI) एक अत्यंत सटीक माप उपकरण है जिसका उपयोग मैकेनिकल, ऑटोमोबाइल और निर्माण (Manufacturing) उद्योगों में किया जाता है। इसका मुख्य कार्य मशीन के विभिन्न भागों की सपाटता (Flatness), गोलाई (Roundness), संरेखण (Alignment) और समान्तरता (Parallelism) को मापना है।

यह उपकरण बहुत छोटे विस्थापन (Displacement) को मापने में सक्षम है। इसकी मापने की क्षमता 0.01 मिमी या उससे भी कम तक होती है। डायल टेस्ट इंडिकेटर को DTI के नाम से भी जाना जाता है।

डायल टेस्ट इंडिकेटर का कार्य सिद्धांत (Working Principle)

DTI एक मैकेनिकल एम्प्लिफिकेशन (Mechanical Amplification) के सिद्धांत पर कार्य करता है। जब इसका प्लंजर (Plunger) या स्टायलस (Stylus) किसी सतह के संपर्क में आता है और वह सतह ऊपर-नीचे होती है, तो यह मूवमेंट गियर और लीवर के माध्यम से डायल पर बढ़ा कर दिखाया जाता है। इससे बहुत सूक्ष्म मूवमेंट को भी आसानी से पढ़ा जा सकता है।

डायल टेस्ट इंडिकेटर के प्रकार (Types of Dial Test Indicator)

डायल टेस्ट इंडिकेटर मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:

1. प्लंजर टाइप (Plunger Type)

इस प्रकार में एक सीधा प्लंजर होता है जो ऊपर-नीचे चलता है। जब सतह में बदलाव होता है तो प्लंजर भी मूव करता है और डायल पर रीडिंग दिखाई देती है। इसका उपयोग सपाट सतहों और ऊँचाई मापने के लिए किया जाता है।

विशेषताएँ:

  • सरल डिजाइन
  • सीधी मूवमेंट के लिए उपयुक्त

2. लीवर टाइप (Lever Type)

इस प्रकार में एक छोटा लीवर या स्टायलस होता है जो झुकता है। इसका उपयोग गोल या घुमावदार सतहों की जाँच के लिए किया जाता है।

विशेषताएँ:

  • जटिल सतहों के लिए उपयुक्त
  • अधिक लचीलापन (Flexibility)

डायल टेस्ट इंडिकेटर के भाग (Parts of Dial Test Indicator)

  1. बेज़ल (Bezel): घुमावदार रिंग जिससे शून्य सेटिंग की जाती है।
  2. पॉइंटर (Pointer): जो माप को दिखाता है।
  3. प्लंजर या स्टायलस (Plunger/ Stylus): सतह से संपर्क में आता है और विस्थापन को पकड़ता है।
  4. गियर तंत्र (Gear Mechanism): मूवमेंट को बढ़ाता है।
  5. डायल स्केल (Dial Scale): रीडिंग को दिखाने के लिए अंकित।

डायल टेस्ट इंडिकेटर के उपयोग (Uses of Dial Test Indicator)

  • फ्लैटनेस जांच (Flatness Checking): मशीन की बेड या टेबल की सपाटता मापने के लिए।
  • गोलाई जांच (Roundness Checking): शाफ्ट और सिलेंडर के गोल आकार की जाँच के लिए।
  • केंद्र संरेखण (Concentricity Checking): दो केंद्रों के बीच दूरी को मापने के लिए।
  • समान्तरता जांच (Parallelism Checking): दो सतहों के बीच समान्तरता मापने के लिए।
  • गुणवत्ता नियंत्रण (Quality Control): उत्पादन में सटीकता सुनिश्चित करने के लिए।
  • मास प्रोडक्शन (Mass Production): बड़े पैमाने पर उत्पादन के दौरान मापने के लिए।

इंडिकेटर स्टैंड्स क्या होते हैं? (What are Indicator Stands?)

डायल टेस्ट इंडिकेटर को सतह पर स्थिर रखने के लिए इंडिकेटर स्टैंड्स का उपयोग किया जाता है। ये स्टैंड्स अक्सर मैग्नेटिक बेस (Magnetic Base) या क्लैम्प के साथ आते हैं ताकि DTI हिले नहीं और सटीक रीडिंग मिल सके।

चित्र में तीन प्रकार के इंडिकेटर स्टैंड्स दिखाए गए हैं:

  • साधारण स्टैंड
  • एडजस्टेबल स्टैंड
  • फ्लेक्सिबल स्टैंड

डायल टेस्ट इंडिकेटर के फायदे (Advantages)

  • उच्च सटीकता (High Accuracy)
  • सरल संचालन (Easy to Operate)
  • कम लागत में बेहतरीन परिणाम (Cost-effective)

डायल टेस्ट इंडिकेटर के नुकसान (Disadvantages)

  • नाजुक भाग, ध्यानपूर्वक उपयोग आवश्यक
  • मैन्युअल कैलिब्रेशन की आवश्यकता
  • डिजिटल उपकरणों की तुलना में कम आधुनिक

सामान्य प्रश्न (FAQs)

Q1: डायल टेस्ट इंडिकेटर किसके लिए उपयोग किया जाता है?

उत्तर: यह उपकरण मशीनिंग, निर्माण और गुणवत्ता नियंत्रण के लिए सतहों की सपाटता, गोलाई, संरेखण आदि की जाँच के लिए उपयोग किया जाता है।

Q2: डायल गेज और डायल टेस्ट इंडिकेटर में क्या अंतर है?

उत्तर: डायल गेज मुख्य रूप से सीधी सतहों की ऊँचाई मापने के लिए होता है जबकि डायल टेस्ट इंडिकेटर लीवर टाइप में उपलब्ध होता है और जटिल सतहों के माप के लिए उपयुक्त है।

Q3: डायल टेस्ट इंडिकेटर की सामान्य सटीकता क्या होती है?

उत्तर: डायल टेस्ट इंडिकेटर की सामान्य सटीकता 0.01 मिमी होती है, और कुछ मॉडलों में इससे भी अधिक सटीकता मिलती है।

Q4: क्या डायल टेस्ट इंडिकेटर डिजिटल रूप में भी उपलब्ध है?

उत्तर: हाँ, अब डिजिटल डायल टेस्ट इंडिकेटर भी बाजार में उपलब्ध हैं, जो रीडिंग को डिजिटल डिस्प्ले पर दिखाते हैं और अधिक सुविधाजनक होते हैं।

Q5: डायल टेस्ट इंडिकेटर को कैसे कैलिब्रेट किया जाता है?

उत्तर: DTI को उपयोग से पहले शून्य सेटिंग द्वारा कैलिब्रेट किया जाता है। साथ ही, समय-समय पर स्टैंडर्ड रेफरेंस ब्लॉक से इसकी सटीकता जांचना जरूरी है।

विशेषता प्लंजर टाइप (Plunger Type) लीवर टाइप (Lever Type)
प्रारूप यहां पर प्लंजर टिप डायल के सामने सीधे आगे-पीछे मूव करती है। यहां पर लीवर की मदद से टिप की मूवमेंट होती है।
वापस लौटने का तरीका प्लंजर के रिटर्न के लिए स्प्रिंग की सहायता ली जाती है। लीवर के साथ रिटर्न के लिए अधिक कॉम्प्लेक्स मैकेनिज्म होता है।
सेंसर टिप की सटीकता सेंसर टिप सीधे वर्टिकल दिशा में काम करता है, जो उच्च सटीकता प्रदान करता है। लीवर की मूवमेंट के कारण सेंसर टिप की सटीकता थोड़ी कम हो सकती है।
उपयोग यह छोटी जगहों में उपयोग के लिए उपयुक्त होता है, जैसे छोटे वर्कपीस। यह अधिकतर बड़े वर्कपीस और माप के लिए उपयुक्त होता है।
निर्माण साधारण निर्माण और हल्के वजन वाले होते हैं। यह अधिक मजबूत निर्माण और भारी होते हैं।
मापने की सीमा यह छोटी माप सीमा में अधिक सटीकता प्रदान करता है। यह बड़ी माप सीमा में बेहतर होता है।
डिजाइन प्लंजर टाइप के डिजाइन में बहुत सिंपल होता है। लीवर टाइप डिजाइन थोड़ा जटिल और विस्तृत होता है।
मूल्य यह सामान्यतः सस्ता होता है। यह महंगा होता है, क्योंकि इसमें अधिक परिष्कृत मैकेनिज्म होता है।
नैतिक कार्यक्षमता यह विशेष रूप से सरल और आसानी से नियंत्रित होता है। यह उच्च कार्यक्षमता और मजबूत माप के लिए उपयुक्त होता है।
सहनशीलता यह हल्के कामों और साधारण माप में अधिक सहनशील होता है। यह जटिल और अधिक चुनौतीपूर्ण कामों के लिए अधिक सहनशील होता है।

  1. डायल टेस्ट इंडिकेटर का मुख्य उपयोग क्या है?
    • A. वजन मापना
    • B. सतह की सपाटता मापना
    • C. तापमान मापना
    • D. दबाव मापना

    उत्तर: B. सतह की सपाटता मापना

  2. डायल टेस्ट इंडिकेटर की सटीकता कितनी होती है?
    • A. 0.1 मिमी
    • B. 0.01 मिमी
    • C. 1 मिमी
    • D. 10 मिमी

    उत्तर: B. 0.01 मिमी

  3. डायल टेस्ट इंडिकेटर किस सिद्धांत पर कार्य करता है?
    • A. विद्युत चुम्बकीय
    • B. मैकेनिकल एम्प्लिफिकेशन
    • C. थर्मल एक्सपेंशन
    • D. हाइड्रोलिक प्रेशर

    उत्तर: B. मैकेनिकल एम्प्लिफिकेशन

  4. प्लंजर टाइप DTI का उपयोग किस लिए किया जाता है?
    • A. गोल सतहों की जाँच
    • B. सपाट सतहों की जाँच
    • C. घुमावदार सतहों की जाँच
    • D. उपरोक्त में से कोई नहीं

    उत्तर: B. सपाट सतहों की जाँच

  5. लीवर टाइप DTI का उपयोग किस लिए किया जाता है?
    • A. सपाट सतहों की जाँच
    • B. गोल सतहों की जाँच
    • C. ऊँचाई मापने के लिए
    • D. उपरोक्त में से कोई नहीं

    उत्तर: B. गोल सतहों की जाँच

  6. डायल टेस्ट इंडिकेटर के किस भाग से रीडिंग ली जाती है?
    • A. प्लंजर
    • B. डायल स्केल
    • C. बेज़ल
    • D. गियर तंत्र

    उत्तर: B. डायल स्केल

  7. डायल टेस्ट इंडिकेटर को स्थिर रखने के लिए क्या उपयोग किया जाता है?
    • A. मैग्नेटिक बेस
    • B. क्लैम्प
    • C. इंडिकेटर स्टैंड
    • D. उपरोक्त सभी

    उत्तर: D. उपरोक्त सभी

  8. डायल टेस्ट इंडिकेटर का प्लंजर क्या करता है?
    • A. रीडिंग दिखाता है
    • B. सतह से संपर्क बनाता है
    • C. डायल को घुमाता है
    • D. उपरोक्त में से कोई नहीं

    उत्तर: B. सतह से संपर्क बनाता है

  9. डायल टेस्ट इंडिकेटर की मापने की सीमा क्या होती है?
    • A. 1 मिमी
    • B. 10 मिमी
    • C. 100 मिमी
    • D. मॉडल के अनुसार अलग-अलग

    उत्तर: D. मॉडल के अनुसार अलग-अलग

  10. डायल टेस्ट इंडिकेटर का उपयोग किस उद्योग में होता है?
    • A. ऑटोमोबाइल
    • B. निर्माण
    • C. मशीनिंग
    • D. उपरोक्त सभी

    उत्तर: D. उपरोक्त सभी

  11. डायल टेस्ट इंडिकेटर के डायल स्केल पर क्या दिखाया जाता है?
    • A. तापमान
    • B. दबाव
    • C. विस्थापन
    • D. वजन

    उत्तर: C. विस्थापन

  12. डायल टेस्ट इंडिकेटर को कैसे कैलिब्रेट किया जाता है?
    • A. शून्य सेटिंग द्वारा
    • B. वजन डालकर
    • C. तापमान बदलकर
    • D. उपरोक्त में से कोई नहीं

    उत्तर: A. शून्य सेटिंग द्वारा

  13. डायल टेस्ट इंडिकेटर का कौन सा भाग मूवमेंट को बढ़ाता है?
    • A. प्लंजर
    • B. गियर तंत्र
    • C. डायल स्केल
    • D. बेज़ल

    उत्तर: B. गियर तंत्र

  14. डायल टेस्ट इंडिकेटर का उपयोग किसे मापने के लिए नहीं किया जाता है?
    • A. सपाटता
    • B. गोलाई
    • C. तापमान
    • D. संरेखण

    उत्तर: C. तापमान

  15. डायल टेस्ट इंडिकेटर का डायल स्केल क्या दर्शाता है?
    • A. समय
    • B. दूरी
    • C. विस्थापन
    • D. वजन

    उत्तर: C. विस्थापन

  16. डायल टेस्ट इंडिकेटर का उपयोग किस प्रकार की सतहों के लिए किया जाता है?
    • A. केवल सपाट सतहें
    • B. केवल गोल सतहें
    • C. सपाट और गोल दोनों सतहें
    • D. केवल घुमावदार सतहें

    उत्तर: C. सपाट और गोल दोनों सतहें

  17. डायल टेस्ट इंडिकेटर का कौन सा भाग सतह से संपर्क बनाता है?
    • A. डायल स्केल
    • B. प्लंजर
    • C. बेज़ल
    • D. गियर तंत्र

    उत्तर: B. प्लंजर

  18. डायल टेस्ट इंडिकेटर का उपयोग किस प्रकार के उद्योग में सबसे अधिक होता है?
    • A. कपड़ा उद्योग
    • B. खाद्य उद्योग
    • C. मशीनिंग और निर्माण उद्योग
    • D. रसायन उद्योग

    उत्तर: C. मशीनिंग और निर्माण उद्योग

  19. डायल टेस्ट इंडिकेटर का उपयोग किसे मापने के लिए किया जाता है?
    • A. तापमान
    • B. दबाव
    • C. सतह की सपाटता
    • D. वजन

    उत्तर: C. सतह की सपाटता

  20. डायल टेस्ट इंडिकेटर का उपयोग किसे मापने के लिए नहीं किया जाता है?
    • A. संरेखण
    • B. समान्तरता
    • C. गोलाई
    • D. तापमान

    उत्तर: D. तापमान

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